वीर वीर
हे कलयुग के महामानव अब तो थोड़ा विचार करो। हे कलयुग के महामानव अब तो थोड़ा विचार करो।
यह कैसा दौर है न कहीं जाना है न ही कमाना है । यह कैसा दौर है न कहीं जाना है न ही कमाना है ।
कोरोना की जंग में बढ़ रहा सिपाही है। ईश्वर के रूप में पड़ रहा दिखाई है। कोरोना की जंग में बढ़ रहा सिपाही है। ईश्वर के रूप में पड़ रहा दिखाई है।
आक्सीजन खप गई, रेमडिसिवियर की मार। स्वास्थ्य अमला थक रहा, सुविधाएं दो यार।। आक्सीजन खप गई, रेमडिसिवियर की मार। स्वास्थ्य अमला थक रहा, सुविधाएं दो यार।।
हे कोरोना वीर तूने सबके लिये सौ दर्द सहे.. हे कोरोना वीर तूने सबके लिये सौ दर्द सहे..